Sunday, March 22, 2020

कोरोना के कारण बिहार में दिहाड़ी मजदूरों की रोजीरोटी पर आया संकट 


पटना । बिहार सरकार कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी एहतियाती कदम उठा रही है। सरकार ने सभी मॉल, शॉपिंग, पॉर्क, रेस्तरां, स्कूल, कॉलेज को बंद करवा दिए हैं। शहर में लोगों की आवाजाही कम हो गई और रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों की संख्या कम हो गई है। सबसे ज्यादा प्रभाव दिहाड़ी मजदूर पर देखने को मिल रहा है। नालंदा जिले के गिरियक थाना क्षेत्र के दुर्गानगर गांव का रहने वाला मोहन दिहाड़ी मजदूर का काम करने पटना आया था, लेकिन अब काम नहीं मिलने के कारण अपने गांव लौट रहा है। उसका कहना है कि होली के दौरान काम मंदा ही था और अब कोरोनावायरस के कारण सभी काम बंद हैं। पटना में करीब सभी निर्माण कार्य बंद हैं। मजदूर रोज काम की तलाश में इलाके के चौक पर जाते हैं, लेकिन कोई काम देने वाला नहीं आ रहा है।
राजमिस्त्री विशम्भर कहते हैं कि वे काफी दिनों से पटना में रह रहे हैं, लेकिन बेरोजगारी की ऐसी स्थिति कभी नहीं दिखी थी। लोग घर में चल रहे कामों को बंद करवा दे रहे हैं। इधर, सामान ढोने वाले ठेला चालकों की भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है। राजा बाजार के ठेला चालक रमेश कुमार कहते हैं, सभी शॉपिंग मॉल बंद हैं। कुछ छोटी दुकानें खुले हैं, लेकिन उनके पास काम ही कितना है! पालीगंज के रहने वाले यदुनाथ सिंह पटना में रिक्शा चलाते हैं। उन्हें अब सवारी नहीं मिल रही है। वे कहते हैं, "रिक्शा मालिक को प्रतिदिन के हिसाब से 250 रुपये देना है और कमा रहे हैं मुश्किल से 100 रुपये। बाकी पैसा कहां से लाएंगे। हमलोग बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं।"


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